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कबीर प्रश्नोतरी

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👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇   कबीर प्रश्नोतरी.   3         कबीर प्रश्नोतरी - हिंदी टेस्ट #कबीरदास #कबीर #कबीरकेदोहे #कबीर #kabeer #kabeerdas #kabeera #kabeer_amritwani2020 #kabir #KABEE ONLINE HINDI CLASS FOR BPSC RPSC UPSC MPSC PBSC OPSC ,TPSC HPSC ,, TGT PGT ,ASSISTANT PRO. / NET SET JRF , HINDI GRAMMER CLASS , BEST CLASS FOR HINDI , HINDI ONLINE CLASS BY DR.SAHIL SIR , #kabir das ke dohe #kabir das ke bhajan kabir das ka jivan parichay kabir das kabir das ki vani kabir das ki amritwani kabir das ke gane kabir das ki kahani kabir das ke gana kabir das ji ka jivan parichay kabir das ke dohe class 11 kabir das ka kabir das ka chitra kabir das drawing कबीर के दोहे कबीर अमृतवाणी कबीर दास के भजन कबीर वाणी कबीर भजन कबीर सिंह मूवी कबीर के दोहे हिंदी में कबीरOT song कबीर singh full movie कबीर सिंह song कबीर दोहे हिंदी कबीर दास का जीवन परिचय कबीर साहेब के भजन @कबीर

संधि - संधि कितने प्रकार का होती है

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संधि क्या है और उसके भेद ? संधि कितने प्रकार का होती  है?  संधि किसे कहते हैं इसके कितने भेद हैं स्वर संधि के सभी भेदों को उदहारण सहित लिखो?  स्वर संधि के कितने भेद हैं ?  संधि के प्रकार संधि की परिभाषा संधि की परिभाषा PDF स्वर संधि संधि उदाहरण PDF संधि के  उदाहरण संधि के प्रकार PDF संधि की परिभाषा और उसके भेद - संधि , हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषयों में से एक है। इसका शाब्दिक अर्थ है- मेल। यानी दो वर्णों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहा जाता है। संधि में पहले शब्द के अंतिम वर्ण या ध्वनि और दूसरे शब्द के प्रथम वर्ण या ध्वनि का मेल होने पर एक अलग स्वर बनता है। इसी प्रकार इस लेख में हम आपको स्वर संधि के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिसमें आपको स्वर संधि की परिभाषा, नियम, प्रकार और उदाहरण बताये जाएंगे। जैसे- हिम + आलय = हिमालय विद्या + आलय = विद्यालय सत् + आनन्द = सदानन्द    

हिंदी साहित्य की प्रमुख रचनाएँ और उनके रचनाकार

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  प्रमुख रचनाएँ और उनके रचनाकार   उ.प्र. की तृतीय श्रेणी की समूह 'ग' परीक्षाओं में रचनाएं एवं रचनाकार पर आधारित प्रश्नों के पूछे जाने की परंपरा रही है। विगत समूह 'ग' परीक्षा में अनेक प्रश्न इस क्षेत्र से पूछे गये थे। इसी दृष्टिकोण से यहां प्रमुख रचनाकार एवं उनकी रचनाओं का उल्लेख किया जा रहा है।       'पृथ्वीराज रासो के लेखक हैं-  चंदबरदाई 'बीसलदेव रासो' के लेखक हैं-  नरपति नाल्ह "परमाल रासो' के रचनाकार हैं   जगनिक 'विजयपाल रासों के लेखक है-  नल्लसिंह "हम्मीर रासो के रचयिता हैं -  शारंगधर 'खुमाणरासो' के लेखक हैं -   दलपति विजय 'भरतेश्वर बाहुलिरास' के रचयिता है   - शालिभद्र सूरि "सुखसागर' नामक रचना के लेखक हैं -     मुशी सदासुख लाल नासिकेतोपाख्यान' नामक प्रसिद्ध रचना के लेखक -   सदल मिश्र  "राजाभोज का सपना' के लेखक हैं      -  राजाशिव प्रसाद सितारेहिंद 'चौरासी वैष्णवन की वार्ता' के लेखक है  - गोकुलनाथ 'सतसई' नामक प्रसिद्ध कृति के रचनाकार हैं    -  बिहारी 'काव्यप्रकाश' के लेखक ह

श्रद्धा सर्ग कामायनी

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                                                      श्रद्धा सर्ग कामायनी  “कौन तुम! संसृति-जलनिधि तीर तरंगों से फेंकी मणि एक, कर रहे निर्जन का चुपचाप प्रभा की धारा से अभिषेक! मधुर विश्रांत और एकांत— जगत का सुलझा हुआ रहस्य, एक करुणामय सुंदर मौन और चंचल मन का आलस्य!” सुना यह मनु ने मधु-गुंजार मधुकरी का-सा जब सानंद, किए मुख नीचा कमल समान प्रथम कवि का ज्यों सुंदर छंद;      एक दिन जब मनु विभिन्न विचारों में लीन थे तब अचानक उन्हें ऐसा जान पड़ा कि कोई उनसे यह कह रहा है—“जिस प्रकार समुद्र की लहरें समुद्र में भीषण उथल-पुथल मचाकर सतह से मणियों को निकालकर फेंक देती हैं उसी प्रकार इस संसार रूपी समुद्र की लहरों अर्थात् सांसारिक आघातों से ठुकराए हुए मणि के समान तुम कौन हो? साथ ही जिस प्रकार समुंदर तट पर पड़ी हुई वह मणि अपनी आभा से समीपवर्ती प्रदेश को पूर्णत: जगमगा देती है और उस शून्य स्थान में उसका प्रकाश फैल जाता है उसी प्रकार इस सागर के समीप चुपचाप बैठे, अपने अपूर्व व्यक्तित्व की आभा प्रकट करने वाले तुम कौन हो।” कवि का कहना है कि उस आगंतुक ने मनु से यह पूछा कि “तुम इस एकांत स्थान में क्यों बहु